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श्री दीपावली का स्तवन
पूरब दिशे हुई पावा पुरी धन धान्य ऋद्धि समृद्धि भरी। हस्तीपाल नामे तिहाँ भूपाली, वीर मुक्ति विराज्या दिन दिवाली ॥ १ ॥ गौतमे गुरुनी सेवा कीधी मनआनी, एक रात में हुआ केवलज्ञानी । जी के चौदह राजु रह्या भाली, वीर मुक्ति विराज्या दिन दिवाली ॥ २ ॥ अठारे राय हुआ…